सत् कबीर वचनवंश आचार्य गद्दी रोसरा समस्तीपुर बिहार
सत् कबीर वचनवंश आचार्य गद्दी रोसरा समस्तीपुर बिहार के आदि आचार्य सद्गुरु कृष्ण कारख साहेब और कबीर पंथ का वचन वंश परंपरा।
आचार्य श्री कृष्ण कारख साहेब जी का जन्म बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के अंतर्गत परम पवित्र नगरी रोसरा ग्राम में हुआ था जो कि बूढ़ी गंडक नदी के तट पर अवस्थित है !
कृष्ण कारख साहब जी के जन्म वर्ष के संबंध में जो इतिहास में उपलब्ध जानकारी है उसके अनुसार 1792 ई. मे पूज्य आचार्य कारख साहब जी का जन्म हुआ था रोसरा ग्राम की एक व्यापारी बृजमोहन कारक जी के जोकि हिंदू धर्म के सूरी परिवार से आते थे।
पूज्य आचार्य जी के माता जी का नाम लक्ष्मीन था कारख साहब बचपन से हि चतुर और दिव्या धर्मनिष्ठ प्रवृत्ति के बालक थे वह नित्य प्रतिदिन पिता के साथ धर्म संबंधी कार्यों में सहभागी बनते थे जिसको देखकर लोग कहते थे कि यह व्यापारी नहीं बल्कि साधु बन जाएगा!
कृष्ण कारख साहब बचपन से ही जात संप्रदाय जोकि मनुष्य को मनुष्य से अलग करने का काम करती है इसका विरोध करते थे और कहा करते थे कि मानव और जीव सभी एक ईश्वर के अंश है इनमे कोई भिन्नता नहीं है इसलिए हमें सभी जीवो को एक समतामूलक समय्क दृष्टि से देखना चाहिए।
कृष्ण कारख साहब जी की धर्म निष्ठा और विद्वता अपरंपार थी पाखंड और अंधविश्वास से ईतर सत्य समानता पर आधारित उनके अंदर एक आंदोलन का चिंगारी पनप रहा था !
शायद इसी को देख कर सदगुरु कबीर साहब जी ने परम पूज्य आचार्य कृष्ण कारख साहब जी को 14 वर्ष की अवस्था मे अपना साक्षात्कार बूढ़ी गंडक नदी के किनारे पवित्र ग्राम रोसरा समस्तीपुर जिला बिहार में 1806 ई. को कराया।
आपको बता दें कि कृष्ण कारख साहब जी के पिता जोकी एक व्यापारी थे और बैल पर अनाज लादकर बेचने का व्यापार करते थे !
उसी व्यापार को कृष्ण कारख साहब भी करते थे परंतु जब आदि आचार्य श्री कृष्ण कारख साहब जी को सदगुरु कबीर का साक्षात्कार हुआ तब कबीर साहब ने कारख साहब जी को बताया कि वह बैल जो उनके साथ विचरण करता है वो कोई और नहीं बल्कि सत्य पुरुष का अंश है।
वचन वंश परंपरा की स्थापना का कारण समाज में फैली हुई जाती और धार्मिक उन्माद और असमानता को समाप्त करके सत्य समानता बंधुत्व और सांप्रदायिक सौहार्द पर आधारित समाज की स्थापना करना था तथा धार्मिक और रूप से एक कारण धनी धर्मदास जी की वंशावली मे काल का झपट्टा मारना भी है !
धनी धर्मदास साहब जी के वंश 42 जो कि सदगुरु कबीर साहब के द्वारा दिया गया 42 पीडी तक गुरुआई का आशीर्वाद था सद्गुरु के भविष्यवाणी के अनुसार धर्मदास जी के छठवी सातवी और तेरवी पिरी को काल सताएगा और सतपंथ को खंडित करने का प्रयास करेगा उसी समय सदगुरु कबीर सतपुरुष परमात्मा की आज्ञानुसार अपने धर्मदास जी के बिंद वंश परंपरा के समानांतर वचन वंश परंपरा के रूप में पंथ को प्रकाशित करेंगे!
परम पूज्य धर्मदास साहब जी की वंश परंपरा में सातवे वंशगुरू का जन्म और दीक्षां काल समय रोसरा गद्दी के आदि आचार्य श्री कृष्ण कारख साहब जी के जन्म और रोसरा जगह की स्थापना के आस पास है जो कि सदगुरु कबीर साहब जी की भविष्यवाणी को सत्य साबित करता है
यह कथा और भविष्यवाणी सदगुरु कबीर साहब जी के द्वारा रचित कबीर सागर ग्रंथ में उपस्थित है!
उसी भविष्यवाणी को सदगुरु कबीर साहब सत्यार्थ चरितार्थ करते हुए रोसरा जैसी पवित्र नगर में अपने वचन वंश अंश को प्रकाशित करते हैं !
वह वचन वंश अंश सद्गुरु कृष्ण कारख साहब हि थे !
सदगुरु कबीर साहब ने आदि आचार्य कृष्ण कारख साहब जी को सत्य और सत्य भक्ति के सागर दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान से श्री सद्गुरु कृष्ण कारख साहब जी को साक्षात्कार करवाया!
सदगुरु कबीर साहब जी अपने सत्य पंथ वचन वंश परंपरा के आचार्य गद्दी के रूप में रोसड़ा जगह को परिभाषित और उद्घोषित करते है तथा सत्य पंथ के विकास और प्रचार प्रसार की बागडोर सद्गुरु कृष्णा कारख साहब को सौंपते है!
सदगुरु कृष्ण कारक साहब और सदगुरु कबीर साहब जी के बीच जो वार्तालाप हुई, वार्तालाप को लिपि बध्ध किया गया जिसका नाम सदगुरु कबीर साहब जी ने स्वयं अपने मुखारविंद से
"पांजी पंथ प्रकाश "
रखा था जो कि आज भी सत कबीर वचन वंश आचार्य गद्दी रोसरा मे उपलब्ध है !
वचन बंसी परंपरा से जुड़े संत-महंत और विद्वान लोगों का मानना है कि सदगुरु कबीर साहब ने आदि आचार्य कृष्णा कारख साहब जी को आज्ञा दिया था कि मिथला राज्य में अपने चार मुख्य मठ स्थापित करो!
सद्गुरु के वचना अनुसार कृष्ण कारख साहेब अपने चार मुख्य स्थान की स्थापना हेतु क्षेत्र भ्रमण के कार्यक्रम को आरंभ करते हैं और रोसरा से प्रस्थान करते हैं!
और मिथिला प्रदेश जो कि आज बिहार के नाम से जाना जाता है वहा चार स्थानों पर मुख्य "सत्य कबीर वचन वंश आचार्य गद्दी की स्थापना करते हैं जोकि निम्नलिखित है!
01. हरदिया जिला समस्तीपुर बिहार
02. बिशनपुर जिला दरभंगा बिहार
03. गोरा जिला दरभंगा बिहार
04. नौला जिला सहरसा बिहार
इन पवित्र ग्रामो के नाम से सदगुरु कारख साहेब
" सत् कबीर वचन वंश आचार्य गद्दी के नाम से प्रसिद्ध हुआ है!
कबीर पंथ का यह वचन वंश परंपरा बिहार ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में कबीर पंथ और सद्गुरु कबीर के सत्य भक्ति का परचम लहरा रहा है!